तीन-तीन इंटर कॉलेज के सरकारी प्रधानाचार्य मिलकर एक लिफाफे के ऊपर सही नाम ,पता नहीं लिख पाए। तो उन कॉलेजों के बच्चों का भविष्य कैसा?
शिवानी जैन एडवोकेट मंडल प्रभारी की रिपोर्ट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने बताया कि एक रजिस्टर्ड पत्र के लिफाफे के ऊपर नाम और पता जानबूझकर गलत लिखा जाता है, जिससे कि वह गंतव्य स्थान पर न पहुंचे।
जिला सचिव भारत स्काउट और गाइड जिला अलीगढ़ श्री डालेश कांकरान जी, जिला आयुक्त गाइड प्रधानाचार्य टीकाराम कन्या इंटर कॉलेज अलीगढ़ डॉक्टर इंदू सिंह जी, जिला आयुक्त स्काउट प्रधानाचार्य बाबूलाल जैन इंटर कॉलेज अलीगढ़ श्री अंबुज जैन द्वारा एक रजिस्टर्ड पत्र डां कंचन जैन को भेजा गया। उस लिफाफे पर नाम, पता गलत लिखा जाता है।
जब लिफाफे पर ही नाम, पता, गलत लिखा जाएगा। जिससे कि वह न पहुंचे। उसमें जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया जाता है। अन्यथा की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात कही है।
सभी सरकारी प्रधानाचार्य एवं भारत स्काउट और गाइड के अधिकारी यह भी बताएं यह कृत्य किस श्रेणी में आता है?स्पष्टीकरण दें। जबकि डॉक्टर कंचन जैन का
सन 2017 से नाम ,पता एवं मोबाइल नंबर जिला कार्यालय में मौजूद है।
सन 2017 से इस तरह से रजिस्टर्ड पत्र आज तक कितने डॉ कंचन जैन या और कितने स्वतंत्र दल और कंपनियों को भेजे गए, जो प्राप्त नहीं हुए या आपके पास वापस आए, आपने उनका क्या किया?
सरकारी तीनों प्रधानाचार्य होने के साथ साथ आप सभी प्राइवेट एनजीओ भारत स्काउट और गाइड में भी अधिकारी है ।
जो आपने पत्र भेजा तो उसकी जिम्मेदारी भी आप तीनों की है।
कृपया स्पष्ट करें कि यह षड्यंत्र कब से आप कर रहे हैं? क्यों कर रहे हैं?
इससे डॉ कंचन जैन की छवि धूमिल हो रही है।
जब आप सभी लिफाफे के ऊपर नाम ,पता सही नहीं लिख सकते या उसकी जिम्मेदारी नहीं निभा सकते।
तो योग्यताआप अपनी स्वयं जांचें।
श्रीमान संयुक्त शिक्षा निदेशक अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ से इस गंभीर प्रकृति के कृत्य का संज्ञान लेते हुए विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करें।तीनों सरकारी प्रधानाचार्य एक लिफाफे की जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रहे, तो फिर यह कहना गलत न होगा कि सभी सरकारी प्रधानाचार्य अपने पद का दुरुपयोग, एवं भारत स्काउट गाइड में भी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।
दिनांक 11 -9- 2021 का नियुक्ति पत्रों को ध्यान से देखें, जिला सचिव प्रधानाचार्य तलेसरा इंटर कॉलेज तलेसरा श्री डालेश कांकरान जी द्वारा हस्ताक्षर करके जारी किए गए हैं। क्या यह नियुक्ति पत्र फर्जी नहीं है?
क्या यह डॉक्टर इंदू सिंह जी एवं श्री अंबुज जैन की सहमति से हस्ताक्षर नहीं किए गए। उस समय रहे सहायक प्रादेशिक संगठन आयुक्त अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ से पुष्टि कर ले। मंडल के सर्वोच्च अधिकारी को शिक्षा संबंधी सभी नियमों की जानकारी है । मगर ऐसी क्या मजबूरी है जो वह फर्जी नियुक्ति पत्रों के बारे में निर्णय ले नहीं पा रहे हैं। वह प्रदेश के भारत स्काउट और गाइड के सर्वोच्च अधिकारी हैं। वर्षों हो गए मगर सरकारी प्रधानाचार्यो के चलते जांच नहीं हुई। तो क्या सरकारी प्रधानाचार्यो के होते हुए भारत स्काउट और गाइड में न्याय नहीं मिलेगा?
डॉ कंचन जैन ने अपनी योग्यता अनुसार एवं नियमानुसार प्रीएएलटी प्रशिक्षण के लिए अनुमति मांगी थी, मगर यहां तो प्राइवेट एनजीओ भारत स्काउट गाइड में किसी भी प्रशिक्षण करने के लिए अनुमति नहीं दी गई।जबकि प्रार्थनी स्वयं के खर्चे से प्रशिक्षण करती है।
डॉ कंचन जैन को वर्षों से मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं। अब ईश्वर ही न्याय करें।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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