ग्रन्थों ने बताई छह प्रकार की शुद्धि
मनः शुद्धि ,कर्मशुद्धि ,क्रियाशुद्धि
कुलशुद्धि , शरीरशुद्धि व वाक् शुद्धि
सब शुद्धियों में श्रेष्ठ है हृदय की शुद्धि
संभव नहीं पर असंभव भी नहीं
जो इन सबको पार कर जाएगा
वही भक्ति का दीपक अपने जीवन में जगा पाएगा
वही संसार के हर सुख दुख,हर भ्रम से उभर पाएगा ..
वन्दना सूद