नफ़रतों को छोड़ दे, अपनाएं सब राहें अमन की,
जीत हो हर मोड़ पर, बातें हों बस चमन की।
शस्त्र से जो हारते, मन से उन्हें जीत लें,
शक्ति सच्ची वो है, जो बात करे वचन की।
खून से न सींचिए धरती को फिर ऐ सनम,
बू नहीं आती वहाँ, खुशबू नहीं यक़ीन की।
घाव पर मरहम बने, शब्द अगर मीठे हों,
क्या ज़रूरत फिर बचे, तलवार या कसम की?
राह अहिंसा की जो ले, वीर वही कहलाए,
रूह कांपे देख कर, हिंसा की इक छन की।
"अमित" कहता है यही, दिल से निकलती दुआ,
शांति फैले हर तरफ़, हो सदा बात मन की
अमित श्रीवास्तव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




