समीक्षार्थ एक कुंडलियां छंद-
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'प्यासा' इस ब्रह्मांड में , सबकी अपनी प्यास।
प्यास बुझाने के लिए, करते नित्य प्रयास।।
करते नित्य प्रयास , तृप्ति को सबकुछ माने।
माया का जंजाल,बटोरे गजब सयाने।।
'प्यासा' भटके मार्ग, छोड़ परहित परिभाषा।
जीवन का आनंद, न मिला रह गये प्यासा।।
Vijay Kumar Pandey pyasa