कही नहीं मिलेगा ll
तुम्हे मेरे जैसा इश्क करने वाला ll
जो तुझसे दूर होके भी,
बस तेरा ही रह गया ll
इश्क करके तुमसे तुम्ही में कही खो गया ll
मेरे इश्क पर एक दिन तुझे गुरूर होगा ll
सोच के रो दोगी काश ये सच की कहा था ll
नहीं मिलेगा मुझे उसके जैसा ll
जो जिंदगी भर मेरा होकर ही रहा गया ll
चाह कर भी न भूल पाओगी नाम मेरा ll
क्योंकि बहुत गहरा इश्क था हमारा ll
तुझे देख कर मेरा दिल जो बेकरार हुआ था ll
तुम्हारी एहसासों का भी तो भरी महफ़िल में जिक्र हुआ था ll
हमारी मुलाकात हो ये मुमकिन तो नहीं ll
बात न हो हमारी ये नामुमकिन तो नहीं ll
मेरे इश्क पर एक दिन तुझे गुरूर होगा ll
उस दिन तेरी महफिलों में
सिर्फ मेरा ही नाम का जिक्र होगा ll
कही नहीं मिलेगा तुझे ll
मेरा जैसा इश्क करने वाला ll
मेरे इश्क पर एक दिन तुझे गुरूर होगा ll
लेखक
शिवम् जी सहाय