वीर भूमि मयंक धारा
जहां विहंग में गाते
अखंड ज्वाला की वह धरती
जहां शूरवीर जन्म पाते
कल कल जहां की नदियां
मुग्ध स्वर में अपना राग सुनाएं
कहती जहां की बगिया
सुरभि पुष्प हमको यही का भाएं
यह वही भारत है, यह वही भारत है।
जहां पर सूरज सौम्य भाव से
सभ्यता स्तुति करता
जहां पर सायं काल में
पुजारी दीप प्रज्वलित करता
जहां पर गंगा यमुना का संगम
देवों का है जहां भवन
यह वही भारत है, यह वहीं भारत है
जहां पर जन्मा अशोक था
जिसे शत्रु का ना कोई रोक था
जहां पर जन्मी लक्ष्मीबाई
जिन्होंने अंग्रेजों की खूब पिटाई
जहां पर घर-घर दादी वीर कथा सुनाती
पूज्य महारथियों का पता बताती
यह वही भारत है ,यह वही भारत है......
..✍️कृति मौर्या