कुछ देर पहले ही तो गाँव के
चौराहे पर, बड़ी-बड़ी बातें
देशभक्ति की की थीं उसने।
घर लौटकर देखा उसने,
एक ताला लटका था दरवाजे पर।
सुना है, देश की जमीन पर
कब से कब्जा किया था उसने।
देश ने अपनी जमीन ले ली उससे।
पूरी रात फिर खुले आसमान के
नीचे बिताई, कुछ सितारे गिने उसने,
फिर खुद से पूछा,
ये चाँद-सितारे किसके हैं?