अधिकारों की बात हीं क्यों
काम की बात क्यों नहीं होता
वो दीप जलाने की बात करें ही क्यों
कोई दीप में तेल डाल क्यों नहीं सकता।
है यह देश कुर्बानी बलिदानियों के दम से
इसे कोई हरा नहीं सकता
इसे कोई मिटा नहीं सकता ।
हैं वीर यहां हर जवां
यहां दिलों में जज़्बा ए राष्ट्र है।
ना आम कोई न खास है यहां
यहां सिर्फ़ और सिर्फ़ राष्ट्र है।
यहां सिर्फ और सिर्फ़ राष्ट्र है।