यादों पर किसका पहरा है
जो दिल में ठहरा,
बस उसी का बसेरा है....।।
तेरी-मेरी बातें इन रंगों की तरह है,
जो लफ्जों में नाम ठहरा,
बस उसी का बसेरा है....।।
यादों पर पहरा कौन करे,
ये धड़कन भी उसके लिए धड़का है,
जिसके लिए ये दिल तड़पा है,
बस उसी का बसेरा है....।।
आंखों में है तस्वीर जिसकी,
उसकी यादों ने मुझे घेरा है,
बस उसी का बसेरा है....।।
- सुप्रिया साहू