मील जाती हे जिन्हे महोब्बत दोस्तों
उन्हें फिर दोस्तों का ख्याल नहीं दोस्तों
उनके जीवन में भी दोस्तों की कमी हे
गम पोछने को रुमाल तो दो दोस्तों
युतो अब आसान नहीं हे प्यार मिल जाना
अब बड़ी मेहेंगी हो चुकी हे महोब्बत दोस्तों
फिर भी सोचो कोई रहे पाया हे यूं अकेले
बग़ैर महोब्बत की जंजीरो से दोस्तों
फर्क बस इतना हे सबको गूमा अपना हे
वक़्त चला जाता हे फिर कोई पूछ्ता नहीं दोस्तों
के बी सोपारीवाला