हर रोज़ अपनों को याद कर लिया करो,
कभी अपनों से एक मुलाक़ात कर लिया करो।
पता नहीं कौनसा दिन, कौनसी रात किसके लिए
आखरी हो?
इसलिए हर रोज़ उनसे कुछ बात कर लिया करो।
इतनी लम्बी दूरियाॅं ना बनाया करो,
अगर कोई रिश्ता निभा रहा है तो साथ
तुम भी दिया करो।
कहीं ऐसा ना हो कि फिर पछताना पड़े बाद में,
इसलिए वक़्त निकालकर और कुछ नहीं तो
उनकी ख़ैरियत ही पूछ लिया करो।
यूं बिना वजह उनसे ना रूठा करो,
अगर वजह भी हो रूठने की कोई
तो भी मुस्कुरा कर माफ़ कर दिया करो।
हो सकता है वो नादान हो, अनजान हो,
इसलिए मासूम समझ उसे सीने से लगा लिया करो।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐