एक मजनूॅं से पूछा मैंने -
वो हक़ीक़त है तुम्हारी या कल्पना है,
ग़र है हक़ीक़त तो बताओ उसका नाम क्या है ?
वो कहता है वो कल्पना नहीं हक़ीक़त है हमारी,
और नाम हाला उस हक़ीक़त का है।
एक मजनूॅं से पूछा मैंने -
वो हक़ीक़त है तुम्हारी या कल्पना है,
ग़र है हक़ीक़त तो बताओ उसका नाम क्या है ?
वो कहता है वो हक़ीक़त नहीं कल्पना है हमारी,
और उस कल्पना का कोई नाम ना है।
एक मजनूॅं से पूछा मैंने -
वो हक़ीक़त है तुम्हारी या कल्पना है,
ग़र है हक़ीक़त तो बताओ उसका काम क्या है ?
वो कहता है वो कल्पना नहीं हक़ीक़त है हमारी,
और काम उसका दिलों से खेलना है।
एक मजनूॅं से पूछा मैंने -
वो हक़ीक़त है तुम्हारी या कल्पना है,
ग़र है हक़ीक़त तो बताओ उसका काम क्या है ?
वो कहता है वो हक़ीक़त नहीं कल्पना है हमारी,
और काम उसका ग़लत फहमी में जीना है।
💐 रीना कुमारी प्रजापत ✍️