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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

किस बात की अकड़ है?


किस बात की अकड़ है?
कल ख़ुद ज़मी होगा
आज जमीं के ऊपर है।

किस बात की अकड़ है?
पैसे बिना ज़िंदगी नहीं
पैसा है तो शुकर है।

किस बात की अकड़ है?
समय गवाह है मनीषा
तुम्हें घर की बड़ी फिकर है।

किस बात की अकड़ है?
भूख से तड़पता पेट
सिकुड़ जाता जिगर है।

किस बात की अकड़ है?
इंसान ही इंसान नहीं
बन जाता जानवर है।

किस बात की अकड़ है?
कितना भी कुछ कहो
दुनियां का पैसा ईश्वर है।


_____मनीषा सिंह




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

कई दिनों बाद आपकी लेखनी से लिखा हुआ कुछ पढ़ने को मिला - पर जब मिला है तो इंतज़ार का अच्छा ही फल मिला है बहुत सुन्दर रचना पढ़ने को मिली - सुप्रभात मनीषा जी

मनीषा replied

जी! 🙏 सुप्रभात! 🙏 धन्यवाद आपका! 🙏

Suman Yadav said

Bahut अच्छी-अच्छी baten Kahi aapane

मनीषा replied

धन्यवाद Suman Yadav जी! 🙏

वन्दना सूद said

बहुत खूब कहा 👏👏

मनीषा replied

धन्यवाद वन्दना सूद जी! 🙏

Vineet Garg said

Pata nahi Aaj Tak samjh hi nahi aaya kis baat ki akad karta hai insaan

मनीषा replied

जी! 🙏 मूर्खता है बड़ी। अहंकार की जड़ी। सिर चढ़ाए खड़ी। जड़मति सिरफिरी।

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