कविता : जोरू का गुलाम....
ससुराल में जोरू का
गुलाम होना पड़े
बीबी हो कर खटिया में
अकेला सोना पड़े
सास और ससुर का सुनना
पड़े पिच पिच
ऊपर से अपनी ही बीबी
का कीच कीच
घर का सारा का
सारा काम करवाए
हर दिन जीते जी
सभी लोग मरवाए
फिर जा कर बहुत
नीचा दिखाए
बेचारा जोरू का गुलाम
क्या करे हाए ?
बेचारा जोरू का गुलाम
क्या करे हाए.......?
netra prasad gautam