दिलकशी दिलनशी दिलरुबा कहते थे
चाँद सी चंचल, दुआ, मरहबा कहते थे
प्रेयषी प्रेमिका प्रियतमा थी कभी
दिखते नहीं तुम जहाँ रहते थे
----डॉ कृतिका सिंह
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----डॉ कृतिका सिंह