कागज़ की खूबसूरत एक किश्ती
समय की लहरों से लगातार टकराती
लहरों की तमाम कोशिश उसे डूबाने की
पर लगता है ऐसा
डगमगा तो सकती हैं यह लहरें उसे
पर डुबा नहीं पाएँगी
शायद सब्र और हिम्मत से बनी है यह किश्ती
अपना किनारा ढूँढ ही लेगी
प्रकृति का हाथ थाम तूफ़ानों को जीत ही लेगी
यक़ीन है हमें
डुबाना तो दूर यह लहरें उसे तोड़ भी नहीं पाएँगी
अन्त से आगाज़ का उसका सफर दूसरों के लिए अवश्य ही प्रेरणादायक होगा ..
वन्दना सूद