शहीद था..शहीद हूँ ,
शहीद ही रहूँगा मैं !!
शहीद ही जिया हूँ और,
शहीद ही मरूँगा मैं !!
हर साँस है समर्पित,
ये तन भी समर्पित है !!
है क़सम तिरंगे की,
पीछे ना हटूँगा मैं !!
मिटके वतन की माटी में,
पेड़ ही बन जाऊँ !!
फिर कवच बन सैनिक की,
रक्षा में जान वारूँ !!
है क़सम इस वतन की,
हर रूप धर मरूँ मैं !!
मरूथल हो या दलदल हो,
या आज हो या कल हो !!
है माँ मेरी वतन अब,
है लक्ष्य इक वतन हित !!
हर स्वप्न है समर्पित,
हर गान है समर्पित !!
है लक्ष्य बस वतन हित !!
है लक्ष्य इक वतन हित !!
इसको ही गाते-गाते,
जय हिन्द कहूँगा मैं !!
है क़सम तिरंगे की,
पीछे ना हटूँगा मैं !!
----वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




