तू आफ़ताब की रानी,
वो तेरा राजा है।
तू थोड़ी अलबेली थोड़ी मस्तानी,
वो भी बड़ा दीवाना है।
तेरी आंखे काली कजरारी,
उनमें डूबा वो जाए।
तेरी अदाएं बहकी -बहकी,
उनमें बहा वो जाए।
तू उसकी दीवानी,
वो भी तेरा दीवाना है।
तुझमें तहज़ीब का समंदर है तो,
तहज़ीब उसमें भी बहुत समाई है।
तू लाखों में एक है तो,
वो भी किसी से कम नहीं।
तू प्यार सभी से करती है तो,
रिश्ते वो भी निभाता है।
तू हम सबकी यारी,
वो यार है तेरा।
तेरी बातें मीठी-मीठी,
वो भी है बिल्कुल तेरे जैसा।
तेरी मुस्कान बड़ी प्यारी,
जिसपे वो मरता है।
तेरे अंदर ख़्वाब समाए,
वो उन ख़्वाबों को पूरा करता है।
"रीना कुमारी प्रजापत"