विषय : प्रकृति
दिनांक : १६/०५/२५
प्रकृति से जुड़ा जीवन, सचमुच सरल है,
मनुष्य के मन में, एक शांत सा पल है।
नदियों का बहना, आकाश की नीली छांव,
धरती की गोदी में, सुख-शांति का नाम।
चमकते सूरज की रौशनी में छिपा,
हर नये दिन का एक अनमोल सपना है।
पक्षियों की चहचहाहट में बसी बात,
हमें सिखाती है, हर दिन एक नयी बात।
फूलों की खुशबू, हवा का हल्का सा झोंका,
प्रकृति का साक्षात्कार, जीवन में होता रौशनी जैसा।
पेड़-पौधों की छांव, और पर्वतों की ऊँचाई,
प्रकृति से जुड़कर जीवन, सच्चे सुख की पहचान है यही।
जो प्रकृति से दूर भागे, उसका जीवन उलझे,
पर जो उससे जुड़े, वो सुख के सागर में डूबे।
जीवनम् सरलम् अस्ति, केवलं प्रकृति योजय,
यही सिखाती है, जीवन की सबसे बड़ी सौगात।
विरेन्द्र जैन माहिर
नागपुर महारा