भगवान की देन है प्रकृति
प्रकृति से मिलेगी प्रगति
प्रकृति से ही सुंदर है जगति
प्रकृति बिगड़े तो अधोगति
प्रकृति की रक्षा करो ये विनती।
प्रकृति है हमारी माँ समान
इसका करना है हमें सम्मान
प्रकृति करें शुद्ध हवा प्रदान
नदी, पेड़ पौधे और मैदान
समस्त साधन प्रकृति की देन।
हमें प्रकृति की करनी है सेवा
तो प्रकृति भी हमें देगी मेवा
जैसे स्वच्छ पानी और हवा
प्रकृति है बीमारियों की दवा
चलो पेड़ लगाए आया बुलावा।
शेख़ नस्रीन
नेल्लूर, आंध्रप्रदेश