पति-पत्नी में अक्सर तू तू मैं मैं पड़ती भारी।
दुर्व्यवहारी के संग रहने पर भी स्त्री आभारी।।
पत्नी की ख्वाहिश दो पहिया कम से कम होता।
ना करनी पड़ती बेवक्त साइकिल की सवारी।।
तीज त्योहार की सामग्री वक्त के साथ में लाता।
आमदनी कम होने पर भी हिम्मत नही है हारी।।
किस्मत रूठी होने पर भी सुन लेता 'उपदेश'।
पत्नि की निगाह में सच्चा है दुनिया झूठी सारी।।
एक गरीब की पत्नि भी सब संस्कार अपनाती।
पति को खुश देखकर याद आते उसे बिहारी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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