क्यों नहीं होती सख्त कार्रवाई?
क्यों नहीं मिलता न्याय समय पर?
क्यों है इतना भ्रष्टाचार फैला?
क्यों है इतना अंधेरा चारों ओर?
जांच एजेंसियाँ सोई हुई हैं,
सत्ता के आगे सब झुक जाते हैं।
गरीबों की आवाज़ दब जाती है,
अमीरों की बात मान ली जाती है।
कब तक चलेगा ये खेल,
कब तक सहेंगे हम ये सब?
आवाज उठानी होगी,
तभी होगा कुछ काम।
सच को सामने लाना होगा,
गुनेहगारों को सजा देनी होगी ऐ!"विख्यात"
न्यायपालिका को मजबूत बनाना होगा,
तभी देश का भविष्य संवरेगा।