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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

तेरी दो बातें

तेरी दो बातें

दिल, को छू जाती हैं, तेरी दो बातें
याद, बहुत, आती हैं, तेरी, दो बातें
हैं कितनी प्यारी-प्यारी तेरी दो बातें
हैं दुनियां से भी न्यारी तेरी दो बातें
बात है अपने, दिल की, समझो ना
अपने, मधुर मिलन की, समझो ना
रोज, पुराना किस्सा, अब छोङो ना
लाल चुनरिया फिरसे तुम ओढ़ो ना
करनी हैं मुझ को, तुम से दो बातें
हैं कितनी प्यारी-प्यारी तेरी दो बातें
ये बात सुनूं या मुन्ने को तैयार करूं
या फिर किचन में खाना तैयार करूं
वक्त कहां है इतना, जो सिंगार करूं
मैं बैठके सेज पे तेरा, इन्तजार करूं
दिल, कच्चा, करती हैं, तेरी दो बातें
याद, बहुत, आती, हैं, तेरी, दो बातें
बातों से दिल मेरा, तुम बहलाओ ना
एक बार बस बाहों में, आ जाओ ना
छोङो मुझको काम बहुत हैं जाने दो
दिल खुश कर दूंगी रात को आने दो
दिल खुश, कर जाती हैं तेरी दो बातें।
याद बहुत आती हैं तेरी दो बातें

- लेखराम यादव


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Kamaal ka likha yadav sir..bahut sundar prasang

Lekhram Yadav replied

सर आपको अच्छा लगा मेरे लिए यही काफी है।

वन्दना सूद said

Really nice 👏👏

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार वन्दना जी, स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

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