तेरी दो बातें
दिल, को छू जाती हैं, तेरी दो बातें
याद, बहुत, आती हैं, तेरी, दो बातें
हैं कितनी प्यारी-प्यारी तेरी दो बातें
हैं दुनियां से भी न्यारी तेरी दो बातें
बात है अपने, दिल की, समझो ना
अपने, मधुर मिलन की, समझो ना
रोज, पुराना किस्सा, अब छोङो ना
लाल चुनरिया फिरसे तुम ओढ़ो ना
करनी हैं मुझ को, तुम से दो बातें
हैं कितनी प्यारी-प्यारी तेरी दो बातें
ये बात सुनूं या मुन्ने को तैयार करूं
या फिर किचन में खाना तैयार करूं
वक्त कहां है इतना, जो सिंगार करूं
मैं बैठके सेज पे तेरा, इन्तजार करूं
दिल, कच्चा, करती हैं, तेरी दो बातें
याद, बहुत, आती, हैं, तेरी, दो बातें
बातों से दिल मेरा, तुम बहलाओ ना
एक बार बस बाहों में, आ जाओ ना
छोङो मुझको काम बहुत हैं जाने दो
दिल खुश कर दूंगी रात को आने दो
दिल खुश, कर जाती हैं तेरी दो बातें।
याद बहुत आती हैं तेरी दो बातें
- लेखराम यादव
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