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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

कोई तो मक़ाम मिल जाए

इस ज़िंदगी में कोई तो काम मिल जाए,
ज़िंदगी में कोई मक़ाम मिल जाए।

कभी इधर भागते हैं कभी उधर भागते हैं,
कोशिश रहती है कि ज़िंदगी को एक मंज़िल मिल जाए।

ना ही काम मिला ज़िंदगी में,
ना ही मक़ाम मिला ज़िंदगी में।

की कोशिश पूरी,
पर कुछ भी हाथ ना लगा इस ज़िंदगी में।

जब तक ज़िंदगी है ख़्वाहिश है कुछ पा ले,
कुछ तो नाम कमा ले,
जब ज़िंदगी ही ना रहेगी तो ख्वाहिश
फिर क्या कुछ पाने की होगी।

जब ज़िंदगी ही ना रहेगी तो फिर
मंज़िलें किस काम की ,
फिर वो मक़ाम किस काम का।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Lekhram Yadav said

अति सुन्दर सदके जाऊं मेरी प्यारी बहना। जितनी भी तारीफ करूं बहुत कम है। इतनी अच्छी रचना के लिए 15/10 अंक दे रहा हूं। बहुत अच्छा लगा पढ़कर।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया भय्या 🙏प्रणाम

Muskan Kaushik said

Bilkul thik kha...jindagi ha to ji lijiye. Kabhi has kr kabhi hasa kr.

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji bilkul

ताज मोहम्मद said

बहुत इसी अहसास से मैं भी गुजर रहा हूं। बस कोशिशें जारी हैं। बहुत ही उम्दा रचना। दिल में समा गई।

रीना कुमारी प्रजापत replied

तह ए दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आपका

रमेश चंद्र said

Jivan to jine ke liye hain....pr ham pesa naam ye sab batorane m lage rhte hain. Or ant m kuch hath m nahi rhta.

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shukriya

Vineet Garg said

जिंदगी में कुछ करना बहुत जरूरी है कि जब हम यहां से चले जाएं तभी लोग हमें अच्छे पलों के लिए याद करें

रीना कुमारी प्रजापत replied

बिल्कुल सही कहा विनीत भाई आपने, अब आए हैं तो ऐसे ही नहीं जाना है कुछ तो करना है🙏 प्रणाम

Ankush Gupta said

Uttam rachna bahut sundar aap bahut achha likhati hain.

रीना कुमारी प्रजापत replied

Bahut bahut shukriya Gupta ji🙏 आभार आपका

फ़िज़ा said

Waah Lazwaab kya kahne hain👌👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया जी

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