तलाशती हूँ तुझे हर निशान में,
मुझे मिला तू ही हर अरमान में।
जली है आशा तेरी पहचान में,
उजाला पाया तेरे ही ध्यान में।
नशा तेरा है मेरी हर जान में,
सुकून तेरा बसा मेरी शान में।
गिरा जो मैं था तेरे इंसान में,
उठा दिया तूने ही आसान में।
मिला न चैन किसी भी मकान में,
मिला ठिकाना तेरे ही दीवान में।
तेरी रहमत बसी इस जहान में,
तेरा करम है मेरे भी गुमान में।
'फ़िज़ा' ये दिल तेरा मेहरबान में,
मुझे मिला तू ही हर अरमान में।