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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद की ग़ज़ल - ख़ुश-हाल हो बचपन या बद-हाल हो बचपन

"ग़ज़ल"

ख़ुश-हाल हो बचपन या बद-हाल हो बचपन!
मस्ती से होता है माला-माल ये बचपन!!

बचपन में हम सभी क्या धमाल करते हैं!
होता है फ़ितरतन बा-कमाल ये बचपन!!

गर ज़िंदगी एक गीत है तो ये भी जान लो!
इस गाने का होता है सुर-ताल ये बचपन!!

हो ग़रीब जवानी या हो मोहताज बुढ़ापा!
होता नहीं कभी भी कंगाल ये बचपन!!

'परवेज़' कम नहीं हम सब की यादों में सही!
रहता है मरते दम तक बहर-हाल ये बचपन!!

- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad

The Meanings Of The Difficult Words:-
*बद-हाल = दुर्दशाग्रस्त (in a bad condition or state or in bad circumstances); *फ़ितरतन = स्वभावत: (naturally); *बा-कमाल = कमाल का (accomplished); *मोहताज = दूसरे के रहम-ओ-करम पर जीने वाला (dependent).




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

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शिवचरण दास said

वाह वाह. ..जिन्दगी की महकती याद है बचपन

इक़बाल सिंह “राशा“ said

बहुत बढ़िया सर आपने तो अंदर फिर से बचपन को जिन्दा कर दिया

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह परवेज जी क्या खूब लिखा है आपने। बचपन चाहे जैसा हो गोल्डन होता है।जीवन अगर गीत है तो सुर ताल है बचपन। बहुत ही सुन्दर रचना। बचपन को फिर से पाने के लिए लालायित कर दिया आपने।🌹🌻🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल की गहराइयों से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया दास जी! मेहरबानी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया राशा जी! ❤️🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

दिल से आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, मनोज जी! बहुत-बहुत इनायत आपकी! ❤️🙏

सुभाष कुमार यादव said

बेहद खूबसूरत ग़ज़ल। 👌🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

तह-ए-दिल से आपका शुक्रिया, सुभाष जी! ❤️🙏

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