सुबह उठने का शौक नही बडी मजबूरी है।
माहौल मुनासिब हो तो उसके आभारी है।।
मेरी आदत है इतनी हैवानियत से मत देखो।
सुबह उठ तो जायेगे जब भी जिम्मेदारी है।।
मेरे हिस्से की नींद छोड़कर ही नही जाती।
मेरी दीवानी है 'उपदेश' ये एहसास भारी है।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद