दिल भाव विभोर हो जाता है जज्बातों से।
मेरा ब्लडप्रेशर घट जाता तुम्हारी बातों से।।
हमने तो सच लिख डाला अब तुम जानो।
आ जाओ मिलकर जूझेगे इन हालातों से।।
बचपन के दिन याद करो सुकून से भरे हुए।
याद न आए तो जाकर पूछो बरसातों से।।
मेरा तो याराना अब भी बारिश से गहरा।
रिमझिम की फुहार आती तुम्हारे गीतों से।।
सोंधी सी खुशबू बुला रही आओ 'उपदेश'।
तुम्हारी याद में हम सो न पाए कई रातों से।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद