कविता : गोबर....
गोबर,गोबर है गोबर से
दुर्गन्ध ही आ जाती है
गोबर से कभी भी घी की
सुगंध नहीं आती है
जो आदमी गोबर है
उस से हो जाओ दूर
बाकी काम छोड़ छाड़
ये काम करो जरूर
बाकी काम छोड़ छाड़
ये काम करो जरूर.......
netra prasad gautam