फिर साथ चलने से लब खुल जायेंगे शायद
ये हाथ मिलने से दिल मिल जायेंगे शायद
आबोहवा के साथ साथ है खुराक भी जरुरी
कुछ प्यार पाकर गुल खिल जायेंगे शायद
इस जिंदगी में अपनी कुछ तो कमी जरूरी है
है आज मिल गया कल भूल जायेंगे शायद
सब अपनी आदतों के हैं ये गुलाम जरखरीद
शाम से पहले बहुत मय पी जायेंगे शायद
ये दास इम्तहान अब हमको देना है बार बार
हम गिरेंगे सोचकर वो रुक जायेंगे शायद।I