षड्यंत्रकारी- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन"विख्यात"
षड्यंत्र रच रच के,
राज पाट कर रहे।
अंकी इंकी डंकी लाल,
चल रहे ढाई चाल।
खाओ और खिलाओ की,
नीति अपना रहे।
सुबह से शाम तक,
तर माल खाय रहे।
देशभक्ति और जन सेवा,
का नाम लेकर।
अंकी इंकी डंकी लाल,
भर रहे हैं अपनी तिजोरी।
सरकारी के नाम पर,
एक दुकान और खोली।
लाइसेंस की जरूरत नहीं ऐ!"विख्यात"
मुखिया अपना है।
मनी मनी,
सपना अपना है।