कविता : हमेशा के लिए....
सुनो मेरी फूल झड़ी रोज
रोज का नाटक न करो यार
अगर करना है मुझ से
तुमने... ढंग से करो प्यार
बाहों में भर कर अपने
दिल पर लगाओ
या मुझे हमेशा के लिए
लात मार भगाओ
या मुझे हमेशा के लिए
लात मार भगाओ.......
netra prasad gautam