सुंदर सलोना सपना अपना
घिर घिर आए मन के अंगना
नया रुप लिए रंग सुनहरा
हृदय को लुभाता इतना
अंक उठा कर उसे बिठाऊं
उसको खूब मै दुलराऊ
सुंदर सलोना सपना अपना
घिर घिर ------
बांधें पैरों में पैजनियां
धड़कन को मेरी थिरकाए
आशा से उसका हाथ बना
साहस उसके साथ चला
धैर्य से है उसका नाता गहरा
परिश्रम भी था उसका चेला
जिसके पास रखा खजाना इतना
छोड़ उसे क्यूं भटकूं इतना
यही तो हैं बस मेरा अपना
सुंदर सलोना सपना अपना
घिर घिर आए मन के अंगना
✍️#अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




