किसी भी घर में महिलाओं पर घरेलू हिंसा न हो.......
हमने घर घर जाकर ऐसी समस्या को नीबटाना है
ये समाज हमने ही तो बनाना है
किसी भी प्रान्त में सांप्रदायिक दंगे न हो.......
हमने सभी को जा कर धैर्यता से समझाना है
ये समाज हमने ही तो बनाना है
कोई भी बच्चा देश में अनपढ़ न रहे.......
हमने सभी बच्चों को पढ़ाना और लिखाना है.......
ये समाज हमने ही तो बनाना है
देश में कोई भी नागरिक कभी भूखा न रहे.......
हमने हर नागरिक को खाना खिलाना है
ये समाज हमने ही तो बनाना है
कहीं भी हिंसा अशांति कभी भी न हो.......
हमने चहुं ओर शांति लाना है
ये समाज हमने ही तो बनाना है
हर किसीने अपना अपना योगदान.......
देश के विकाश हेतु लगाना है
ये समाज हमने ही तो बनाना है
ये समाज हमने ही तो बनाना है.......

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




