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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

लगते हैं खूबसूरत कितने

कापीराइट गजल

लगते हैं खूबसूरत कितने

लगते हैं, खूबसूरत कितने, यह रंजोगम के मेले
हम अपनों की भीङ में, जब हो जाते हैं अकेले

जब जख्म देकर हजार गुजर जाती है ये बहार
तब, मिल जाते हैं अक्सर, यह हंसी गम के रेले

सुन, रहे हैं, बात सब की, ना जाने कैसी-कैसी
यह, कैसी चली हवा, क्यूं हम, रह गए अकेले

वो उङा रहे हैं हंसी इस जमाने के संग मिल के
वो, खेलते हैं मेरे दिल से, छोङ कर हमें अकेले

वो, मना रहे हैं खुशियां, हमें दे कर हजार गम
उनकी खातिर हमने, गम न जाने कितने झेले

हम चाह कर भी उनको बद्दुआ दे नहीं सकते
वो, आबाद, रहे खुशी से, रह लेंगे हम अकेले

किसको मिली है जिन्दगी में हर खुशी यादव
चले आते हैं जिन्दगी में, जब यह गम के मेले

- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

जयश्री विलास जोधंळे said

बहुत खुबसुरत रचना

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सर सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

सुप्रिया साहू said

आप अकेले नहीं हैं हम सब न आपके साथ, बहुत खूबसूरत रचना सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Lekhram Yadav replied

साथ देने के लिए आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद सुप्रिया जी, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह!! अति सुन्दर ग़ज़ल। परोपकार से मिली दर्द का गीतमयी चित्रांकन 👌👌👌 भैया जी सादर प्रणाम 🙏🌹🙏" दुआएं जिसके लिए की है कि,आबाद रहे वो, जश्न वो मेरी तबाही का मना जाता है।"आपकी रचना ने मेरी जिंदगी के कुछ दर्द भरे पलों को ताजा कर दिया।🌹🌹🌹

Lekhram Yadav replied

हर दर्द अपना सा लगता है, समदिल भाई आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद एवं सुप्रभात सहित सादर नमस्कार।

वन्दना सूद said

चले आते हैं जिन्दगी में, जब यह गम के मेले
बहुत सही कहा आपने sir ज़िन्दगी के मेले ऐसे ही आते जाते रहते हैं 👌👌🙌🏻

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद वन्दना जी, आपको सादर नमस्कार।

श्रेयसी said

वाह बेहतरीन रचना सही कहा आपने ये पंक्तियां याद आ गई....
कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता
कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता।
बहुत ख़ूब बहुत सुंदर लाज़वाब रचना,सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏

Lekhram Yadav replied

आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद प्यारी बहना, न जाने आप कहां गायब रहती हो, हम कई दिन से देख रहे हैं आप नजर नहीं आती, आपको सादर नमस्कार।

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