अंकीलाल तोता चोरों में पला, चोरी करने में माहिर है।
झूठ बोलने की कला, उसकी जग जाहिर है।
आजकल
इंकी लाल और डंकी लाल को नए-नए पैतरे सिखा रहा है।
सरकारी खातों में गोलमाल कर
बैंलेस शून्य बता रहा है।
सरकारी कार्यालय में अधिकारी की नाक के नीचे से,
दस्तावेज उड़ाना, समझा रहा है।
बेच दिया है ईमान, पहुंचेंगे एक-एक करके शमशान।
झूठ बोलकर, झूठी दिखा रहे आन, बान, शान।
अंकी, इंकी ,डंकी लाल,का पता,
यमराज को लग गया है।
एक-एक करके धीरे-धीरे,
लाने को दरबार सज गया है।