सच का सामना
शिवानी जैन एडवोकेटByss
खामोश खड़ा, पर सब कुछ है कहता,
जैसा है चेहरा, वैसा ही दिखता।
झूठ की परतें इस पर टिक न पातीं,
असलियत से आँखें मिला ही जातीं।
शिकनें हों माथे पर या हो मुस्कान,
हर भाव को यह करता है बयान।
अतीत के धुंधले से अक्स दिखाता,
कभी यादों के सागर में ले जाता।
यह केवल काँच का टुकड़ा नहीं है,
यह तो सच्चाई का सीधा गवाह है।
खुद से रूबरू होने का साहस जगाता,
अपने भीतर की दुनिया से मिलवाता।