रिश्वतखोर का लोभ
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन विख्यात
रिश्वत की कलम से,
गीता की कसम से।
न्याय तरसता है,
शरम से।
भ्रष्टाचार के रोग से,
रिश्वत के योग से,
भ्रष्टाचारी नहीं डरता,
लोभ से।
हर रिश्वतखोर,
कानूनी सजा है, जानता ।
फिर भी न्याय व्यवस्था को, खिलौना मानता
न्याय की किताबों को,
रिश्वत के बोरों में बांधता ।