आsss... ए हो... ए हो बलम हो...
हमार घरवा में, एगो अजब तमाशा हो
दिन भर करेला तू, खाली रील के नशा हो
लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो,
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो,
रोटी ठंडाता, खाली तोहरा इंतजार में
रील के हंसी में तू त, गइला हमके भुलाई हो
लाली ओठलाली, हमार तू अब देखs ना,
मोबाइल के दुनिया में, बस जीअल करs हो,
ई तहार मोबाइल, अब हमार सवतिनि बनल बा,
जेकरा खातिर, अब तू हमरा के भूला देला हो
लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो
हाँ! ई प्यार के बदला, खाली तमाशा बाटे हो
हमार घरवा में, खाली मोबाइल के नशा बाटे हो
आजकल रील वाली, दोस्त नया बनल बिया
सोशल मीडिया के नशा, अब तोहार हो गइल बा
हमार बात सुनेला ना, अब तू ना जागेल
ओकर लाइक के चिंता, तोहरा के सतावेला
हम तहार मेहरी हईं, खाली दिखावा खातिर
अब तू, ओकरे ही त खाली अब बात करेल
लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो
हाँ! ई प्यार के बदला, खाली तमाशा बाटे हो
हमार घरवा में, खाली मोबाइल के नशा बाटे हो
तू कहलs, कि हमार जिनगी, तोहरा साथ बाटे हो
लेकिन आज, तोहार जिनगी, खाली रील वाली के साथ बाटे हो
नाचेला तू खाली, ओकरा रील के धुन पर
हमरा दिल में त, अब खाली रोना... बाटे हो
तोहरा मुस्कान के देखे खाती, अब हम तरसेला
खाली ओंकरे रील में, अब तू हँसेल…
हमार घरवा में, एगो अजब तमाशा हो
दिन भर करेला तू, खाली रील के नशा हो
लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो,
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो,
लेखक: अभिषेक मिश्रा