Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रील वाली सवतिनिया

आsss... ए हो... ए हो बलम हो...

हमार घरवा में, एगो अजब तमाशा हो
दिन भर करेला तू, खाली रील के नशा हो
लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो,
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो,

रोटी ठंडाता, खाली तोहरा इंतजार में
रील के हंसी में तू त, गइला हमके भुलाई हो
लाली ओठलाली, हमार तू अब देखs ना,
मोबाइल के दुनिया में, बस जीअल करs हो,
ई तहार मोबाइल, अब हमार सवतिनि बनल बा,
जेकरा खातिर, अब तू हमरा के भूला देला हो

लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो
हाँ! ई प्यार के बदला, खाली तमाशा बाटे हो
हमार घरवा में, खाली मोबाइल के नशा बाटे हो

आजकल रील वाली, दोस्त नया बनल बिया
सोशल मीडिया के नशा, अब तोहार हो गइल बा
हमार बात सुनेला ना, अब तू ना जागेल
ओकर लाइक के चिंता, तोहरा के सतावेला
हम तहार मेहरी हईं, खाली दिखावा खातिर
अब तू, ओकरे ही त खाली अब बात करेल

लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो
हाँ! ई प्यार के बदला, खाली तमाशा बाटे हो
हमार घरवा में, खाली मोबाइल के नशा बाटे हो

तू कहलs, कि हमार जिनगी, तोहरा साथ बाटे हो
लेकिन आज, तोहार जिनगी, खाली रील वाली के साथ बाटे हो
नाचेला तू खाली, ओकरा रील के धुन पर
हमरा दिल में त, अब खाली रोना... बाटे हो
तोहरा मुस्कान के देखे खाती, अब हम तरसेला
खाली ओंकरे रील में, अब तू हँसेल…

हमार घरवा में, एगो अजब तमाशा हो
दिन भर करेला तू, खाली रील के नशा हो
लागता पसंद आईल बीया कवनो रील वाली कनिया हो,
घरवा में बनके आई, हमार सवतिनिया हो,

लेखक: अभिषेक मिश्रा




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (0)

+

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


LIKHANTU DOT COM © 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन