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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रंग बदल रहा है आसमान का...

रंग बदल रहा है आसमान का
समुन्दर का पानी भी लाल हो रहा है |
कोई कहता है ग्लोबल वार्मिंग
मै कहता हूँ पाप का दर्या | |
एक जीव की क्या जुरूरत
अभी अभी चाँद पे कदम रखा है |
इतनी भूख भी ठीक नहीं जनाब
सारा ब्रम्हांड पुकार रहा है | |
पल दो पल की उमर किनारी
बाँध रहे है आशियाना हवा में |
कितने महल मिट्ठी के
खंडहर हो चले समय की धारा में | |
सीधा देखना छोड़ दे बांवरी
सारा खेल चक्र का है |
कितना भी भागते रहो अविरत
आता वही है जहाँ शुरवात है | |
कितने पंडित बैठे है घमंड में
हमने भी कुछ कुछ जान लिया |
घोसले में बैठे पंछी ने
मानो आसमान छू लिया | |
कभी सोचता हूँ मै यह चक्कर क्या है?
सर पे बढ़ते बालों का राज क्या है?
राज राज है जनाब
इसे राज ही रहने दो |
जिस दिन जानोगे
दुनिंया खो दोगे | |

✍️ प्रभाकर, मुंबई ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

डॉ कृतिका सिंह said

Bahut Sundar Bahut khoob likha Prabhakar ji

Muskan Kaushik said

Well said sir👌👌

प्रभाकर said

Thank you Kritikaji aur Muskanji

Kapil Kumar said

Sacchai hai chahun or chhai hai

Suman Yadav said

Bahut Sundar Satya kaha bhai sahab

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत खूब कहा महोदय राज है राज ही रहने दो आखिर करना भी क्या है जानकर

राजू वर्मा said

Nyc

Ankush Gupta said

सच कहा आपने

Kapil Kumar said

बिल्कुल सही कहा आपने

प्रभाकर said

Thanks for all

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