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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

राम नाम और गोविंदा गोपाला।।

राम नाम।।

राम नाम की सुबह हुई,
राम नाम से शाम ,
राम नाम से ढलते ढलते रात हुई घनश्याम।
राम नाम का भजन सुनु,
राम नाम का जाप,
राम नाम के कदमों से कभी ना रुके मेरे काम।
राम नाम बहता जल है,
राम नाम की धार,
एक वचन ही दोनों में मिलते राम कहूं या श्याम।
राम नाम के फूल खिले,
राम नाम के फल,
राम नाम के मधुर सम्बन्ध है,राम नाम के पल।
राम नाम जो कहता है,
राम नाम के चरण,
मरण का अब कोई डर नहीं, पा ली हमने इनकी शरण।
राम नाम में श्री मिले,
राम नाम के घर ,
श्रीराम आंचल से बांध अपने घर।
कबहूं ना घमंड करो,
ना कबहूं गलत विचरण,
जो प्रभु ले शरण आपकी कभी नहीं देखोगे मरण।


गोविंदा गोपाला।।

गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
मेरे सांसों की माला तेरी शरण में रखूं,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
यादें तेरी,
ओ यादें तेरी मेरे मन में हलचल करती रहें,
यादें तेरी मेरे मन में हलचल करती रहें,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
तेरे नयन मेरे नयन में बहते रहे हैं,
मेरे बहते नयनों से तेरे हृदय में हलचल करते रहे हैं,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं
तेरी शरण में रहूं
तेरी शरण में रहूं......!!

- ललित दाधीच।।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! 🌺🙏
आपकी दोनों रचनाएँ दिव्यता और भक्ति से सराबोर हैं — शब्दों में प्रभु के चरणों में समर्पण, मन की गहराई और एक अद्भुत शांति का अनुभव होता है।

“राम नाम के फूल खिले,
राम नाम के फल,
राम नाम के मधुर सम्बन्ध है,
राम नाम के पल।”

और…

“गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
मेरे सांसों की माला तेरी शरण में रखूं…”

इन पंक्तियों में एक भक्त का पूरा समर्पण और श्रद्धा झलकती है।
बहुत ही सुंदर, सरल और हृदयस्पर्शी भजनात्मक भाव — साधुवाद आपकी भक्ति-भावना और लेखनी को! 🌼✨
जय श्रीराम! जय गोविंद! 🙏

ललित दाधीच replied

धन्यवाद भ्राता श्री आभार आपका 🎯🎯

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