राम नाम।।
राम नाम की सुबह हुई,
राम नाम से शाम ,
राम नाम से ढलते ढलते रात हुई घनश्याम।
राम नाम का भजन सुनु,
राम नाम का जाप,
राम नाम के कदमों से कभी ना रुके मेरे काम।
राम नाम बहता जल है,
राम नाम की धार,
एक वचन ही दोनों में मिलते राम कहूं या श्याम।
राम नाम के फूल खिले,
राम नाम के फल,
राम नाम के मधुर सम्बन्ध है,राम नाम के पल।
राम नाम जो कहता है,
राम नाम के चरण,
मरण का अब कोई डर नहीं, पा ली हमने इनकी शरण।
राम नाम में श्री मिले,
राम नाम के घर ,
श्रीराम आंचल से बांध अपने घर।
कबहूं ना घमंड करो,
ना कबहूं गलत विचरण,
जो प्रभु ले शरण आपकी कभी नहीं देखोगे मरण।
गोविंदा गोपाला।।
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
मेरे सांसों की माला तेरी शरण में रखूं,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
यादें तेरी,
ओ यादें तेरी मेरे मन में हलचल करती रहें,
यादें तेरी मेरे मन में हलचल करती रहें,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं,
तेरे नयन मेरे नयन में बहते रहे हैं,
मेरे बहते नयनों से तेरे हृदय में हलचल करते रहे हैं,
गोविन्दा गोपाला तेरी शरण में रहूं
तेरी शरण में रहूं
तेरी शरण में रहूं......!!
- ललित दाधीच।।