नेकी का हर एक अमल, रौशनी सा जलता है,
दिल में मोहब्बत रखो, रहमत वही मिलता है।
हर एक मुसाफ़िर को, मंज़िल का पता देना,
रस्ते में जो ठोकर खाए, उसको दुआ देना।
सच और वफ़ा के फूल, हर दिल में खिलाना,
नफ़रत की आग को, प्यार से बुझाना।
रहमत के साए में, दुनिया को सजाना,
ख़ुदा की बंदगी में, सिर को झुकाना।
नेकी की राहों में, रौशन रहेगा जहाँ,
इंसानियत का दिया, जलता रहेगा वहाँ।