"राम के गुण"
राम अवतार हैं, राम दशरथ-कौशल्या नंदन हैं।
राम सत्य के प्रतीक हैं, राम पुरुषार्थ हैं।
राम ब्रह्मस्वरूप हैं, राम मनमोहक हैं।
राम कीर्ति हैं, राम यश हैं।
राम हर - जनों का विश्वास हैं।
राम गुणगान हैं, राम श्रद्धा एवं रक्षक हैं।
राम चिरंतन हैं, राम मर्यादा से सुशोभित हैं।
राम एक पत्नीव्रत हैं, राम पुरुषों में उत्तम हैं।
राम शरणागत हैं, राम सुरनायक हैं।
राम सुखदायक हैं, राम करुणा के सागर हैं।
राम अद्भुत हैं, राम दीनों के दयाल हैं।
राम अंतर्यामी हैं, राम सब जगह व्याप्त हैं।
राम सच्चिदानंद हैं, राम सृष्टि के सृजनकर्ता हैं।
राम बारिधि के मंदर हैं, राम सुख के पुंज हैं।
राम कृपालु हैं, राम अमृत छवि हैं।
राम स्वर्ग हैं, राम मोक्ष हैं।
राम ही आराध्या हैं, राम परम् साध्य हैं।
रचनाकार - पल्लवी श्रीवास्तव
अरेराज, ममरखा, पूर्वी चंपारण (बिहार)