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कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

प्यारा बचपन -अर्पिता पांडेय

प्यारा बचपन
✨🌸🌸✨
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
आ लौट चलें सखी री
जहां थपकी देकर मां सुलाती
दादी कहे कहानी-दादी कहे कहानी
एक था राजा एक थी रानी
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
हैं जहां वो ताल तलैया
जिसमें बहती कागज की नैया
सपनों में खो जाते थें उसमें
बैठ नानी के घर हो आते थे
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
जहां हो रहीं गुड़िया की शादी
गुड्डे संग आये ढेरों बाराती
विदाई में उसकी आंसू बहाने
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
सखी जो रूठे उसे मनाते
राहों में कल्पना पुष्प सजाते
खो गयी कहीं-अनकही बातें
प्यारे बचपन की सुहावनी रातें
फिर थोड़ा सा बचपन ज़ीने
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
✍️ #अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

बचपन की यादें भी क्या यादें थी, आपने बखूबी इस बात का चित्रण किया है, आपको सादर प्रणाम।

Arpita pandey replied

Apke utsahvardhan ke liye shukriya sir ji 🙏🙏🙏

कमलकांत घिरी said

बहुत खूब लिखा मैम वो भी क्या दिन थे👌👌👏🙏प्रणाम🙏

Arpita pandey replied

Apki Sundar pratikriya ke liye shukriya

प्रभाकर said

बहुत अच्छा लिखा

Arpita pandey replied

Thank you prabhakar ji

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