प्यारा बचपन
✨🌸🌸✨
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
आ लौट चलें सखी री
जहां थपकी देकर मां सुलाती
दादी कहे कहानी-दादी कहे कहानी
एक था राजा एक थी रानी
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
हैं जहां वो ताल तलैया
जिसमें बहती कागज की नैया
सपनों में खो जाते थें उसमें
बैठ नानी के घर हो आते थे
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
जहां हो रहीं गुड़िया की शादी
गुड्डे संग आये ढेरों बाराती
विदाई में उसकी आंसू बहाने
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
सखी जो रूठे उसे मनाते
राहों में कल्पना पुष्प सजाते
खो गयी कहीं-अनकही बातें
प्यारे बचपन की सुहावनी रातें
फिर थोड़ा सा बचपन ज़ीने
इन्द्र धनुषी रंगों में
बचपन के उन संगो में
आ लौट चलें सखी री
✍️ #अर्पिता पांडेय