प्यार एक ज़िम्मेदारी है
प्यार करना इतना आसान नहीं है
दो शब्दों का कोई खेल नहीं है
भावनाओं का ऐसा समुन्दर है
जो कितने ही तूफ़ानों से होकर गुज़रता है
अधिकार, हक़, न्याय, सत्ता, अधिपत्य,अस्थिरता
ऐसे कई शब्दों ने प्यार को अपने में उलझा दिया
आधुनिक संस्कृति में कहीं खो गया वो प्यार
जो त्याग,समर्पण,गंभीरता,स्थिरता,सम्मान,वैराग्य की मिसाल हुआ करता था..
वन्दना सूद