तू असीम सागर प्रिये
तू मलय का गागर प्रिये
तनिक भी ध्वान्त छुए नहीं
तू सत्य समर का सुकुमार प्रिये
तू सरस भाव का स्वाद प्रिये
तू शांत निर्झर का आवाज प्रिये
पा तुझे बेसुध पुष्प भी खिल जाए
तू ऐसा बरसात प्रिये
तू उगते सूरज का प्रकाश प्रिये
तू बहती नदियों का मझधार प्रिये
मंद मंद चलती हवा का
तू मनोरम मुस्कान प्रिये
तू स्वच्छ जल का नीरज प्रिये
तू व्याकुल मन का धीरज प्रिये
जिस पथ पर सज्जन चले
तू उसे पथ का अग्रज प्रिये
तू मेरी कविता का सारांश प्रिये
तू मेरे हृदय का एहसास प्रिय
जिसमें डूबने से मैं तर जाऊं ,तू उससंगम का स्थान प्रिये...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




