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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

प्रतिउत्तर

माफ़ीनामा भेज कर भैया आपने मुझको पाप का भागी बना दिया
पढ़ कर लगा भांँति अहिल्या सी पत्थर का मुझे बना दिया

गर सच में मुझे अपनी छोटी बहना मानते तो माफ़ी कभी न मांगते
मगर आपके वचनों में मेरी हीं छुपी भलाई ने सच का भैया बना दिया

बेसबब ख़ुद को दोषी समझना ठीक नहीं
आप तो शिरोधार्य थे हीं 'श्रेयसी' ने आपको ख़ुदा जैसा बना दिया

मैं तो आती हीं और आऊंँगी भी लिखन्तु पर मगर मेरी एक शर्त है
लब न सिलेंगे पथ-प्रदर्शक बने रहेंगे क्योंकि वही तो मुझे फ़ैन आपका बना दिया।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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Lekhram Yadav said

जी मेरी प्यारी बहना, आपको सुप्रभात सहित सादर नमस्कार, बस आप खुश रहें मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

श्रेयसी said

सुप्रभात एवं सादर प्रणाम लेखराम भैया 🙏🙏 जी हां मैंने तो बस ज्ञानवर्धन के लिए कुछ वक्त मांगा था और छोड़ना होता तो अशोक जी को बता कर छोड़ती न । उम्मीद है अब ग़लतफ़हमी दूर हो गई होगी। पता है मुझे लिखने के बाद लगा था कि कहीं आप अपने ऊपर ले न लें लेकिन। मैंने पापा वाली बात भी बताई थी फिर भी आपने अपने ऊपर हीं ले लिया। ख़ैर अब तो स्पष्ट है न। आपका बहुत-बहुत आभार।🙏🙏

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