बारिश का मौसम गया बेचैन मन।
राहत की सांस ले आ जाए चमन।।
चाँद के खातिर जिद्द करना गुनाह।
अच्छे इंसान का जगमगाए उपवन।।
दिल टूटेगा कैसे हमदर्द साथ-साथ।
रात कटेगी 'उपदेश' यदि रहे अमन।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|
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रात कटेगी 'उपदेश' यदि रहे अमन।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद