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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

जब भी किसी तकलीफ़ में होती हूॅं

जब भी किसी तकलीफ़ में होती हूॅं,
तो तुझसे लिपट रोने को जी चाहता है।

ये निग़ाहें तुझ ही को ढूॅंढ़ती,
तेरे सिवा इन्हें कुछ और नहीं सूझता है।

जब भी कोई खुशी होती है,
सबसे पहले तुझे बताने का दिल करता है।

तेरे हाथों में अपना हाथ रख,
उस सुकून को वही रोकने का मन करता है।

जब भी किसी तकलीफ़ में होती हूॅं,
बस तू ही तू मेरे मन मस्तिष्क में रहता है।

तू मिटा देगा ज़िंदगी के हर दर्दों ग़म को,
पता नहीं क्यों दिल में यही ख़याल चलता है।

जब भी कोई खुशी मिलती है,
तेरे साथ आसमाॅं में उड़ने को दिल कहता है

वो पल और वो साथ तेरा थम जाए वहीं,
पल-पल, रोम-रोम बस यही कामना करता है।
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

सुप्रिया साहू said

Bahut khubsurat aur lajwab rachna didu 👌👌, aapko sadar pranaam 🙏🙏.

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks dear🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

ख़ूबसूरत कलाम! बहुत ख़ूब! 👌👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया जी 🙏

Lekhram Yadav said

बहुत ही खूबसूरत और लाजवाब रचना, आजकल बहुत ही भावुक कर देने वाली रचना लिख कर मन को रोमांचित कर रही हो, मजा आ रहा है पढ़कर, बस ऐसे ही लिखते रहो, हम बहुत खुश हैं, आपको सादर नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत replied

तह -ए -दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏🙏 सादर प्रणाम

वन्दना सूद said

बहुत शानदार रचना 👏👏🙌🏻🙌🏻

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया जी 🙏

सुभाष कुमार यादव said

सुंदर रचना।👌🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏😊😊

सत्यवीर वैष्णव said

बहुत अच्छा लगा लाजवाब बेहतरीन रचना
जब भी किसी तकलीफ़ में होती हूॅं,
बस तू ही तू मेरे मन मस्तिष्क में रहता है।

तू मिटा देगा ज़िंदगी के हर दर्दों ग़म को,
पता नहीं क्यों दिल में यही ख़याल चलता है।
बहुत सुंदर

रीना कुमारी प्रजापत replied

आभार आपका 🙏

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