प्रकृति से दोस्ती करके देखो
दोस्ती कर ली हमने अतुलनीय प्रकृति से
उड़ते पंछियों से
छोटे-बड़े पेड़-पौधों से
आसमाँ की खूबसूरत रूपरेखा से
सूरज,चन्दा और तारों से
आज सूरज हमें नहीं,हम सूरज को उठाते हैं
कितनी देर तक बैठकर पौधों से बात करना
हमारा तारों के दियों से आसमाँ को सजाना
चन्दा का हमारी खिड़की से झाँक कर बता देना कि मैं आ गया
रास आ गई प्रकृति की अद्वितीय दोस्ती हमें
अब हम उनमें और वो हम में मस्त रहते हैं
प्रकृति से दोस्ती कर के तो देखो,जीवन का हर पल अद्वितीय हो जाएगा ..
वन्दना सूद
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